Teacher Day Par Nibandh 250-300 Word me/ शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्द में
Teacher Day Par Nibandh
भूमिका – शिक्षक दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। पूरे देशभर में इस दिन विद्यालयों को सजाया जाता है और विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थियों के साथ-साथ हो शिक्षक भी इस कार्यक्रमों में पूरे उमंग के साथ भाग लेते हैं। यह वह दिन होता है जब हमें अपने स्कूली गतिविधियों से छुट्टी मिलती है, ताकि हम अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा ले सके।
महत्व– शिक्षक दिवस का बहुत ही महत्त्वपूर्ण दिन है, यह वह दिन है जिसे हम अपने शिक्षकों को प्रयासों और कार्यों के सम्मान के रूप में मनाते हैं। शिक्षण का कार्य विश्व के सबसे कठिन कार्यों में से एक है क्योंकि उनके ऊपर नौजवानों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी होती है। उनके कार्यभार में एक पूरी कक्षा के बच्चे होते हैं और क्योंकि हर विद्यार्थी दूसरे से अलग होता है और उसकी अपनी क्षमता होती है इसलिए यह कार्य और भी कठिन हो जाता है, कुछ विद्यार्थी खेल-कूद में अच्छे होते हैं तो कुछ गणित में तो वही कुछ का अंग्रेजी में दिलचस्पी होती है। एक अच्छा शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों के रुचि को ध्यान में रखता है और उनकी क्षमताओं को पहुंचानता है। उन्हें उनके विषय या कार्यों के कौशल को निखारने की शिक्षा देता है और इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखता है कि उनकी दूसरी गतिविधियाँ या विषय ना प्रभावित हो।
उपयोगिता– 5 सितंबर डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे, उन्होंने सन् 1952 ले लेकर 1962 तक उप राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। इसके अलावा 1962 से 1967 तक उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया।
डॉ० राधाकृष्णन शिक्षकों का काफी सम्मान करते थे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय, मैसूर विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे कई सारे संस्थानों में पढ़ाया था। उन्हें उनके काम के लिए काफी सराहा जाता था और उन्हें उनके छात्रों द्वारा भी काफी पसंद किया जाता था। उनका मानना था कि शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो युवाओं को देश के भविष्य के रूप में तैयार करता है। यही कारण था कि उन्होंने प्रोफेसर का यह दायित्व इतने लगन से निभाया और अपने छात्रों को सदैव अच्छे संस्कार देने का प्रयास किया। जब वह हमारे देश के राष्ट्रपति बने तब उनके छात्रों ने हर वर्ष उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई। इसके जवाब में डॉ० राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें इस बात की अधिक प्रसन्नता होगी यदि उनके छात्र 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाये, तब से लेकर आज तक उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उपसंहार– भारत में शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान में मनाया जाता है, क्योंकि वह पूरे वर्ष मेहनत करते हैं और चाहते है कि उनके छात्र विद्यालय और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करें। इस दिन पूरे देश भर विद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों और शिक्षकों के रीश्तों को मजबूत बनाते हैं। वाकई में यह छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए ही एक विशेष दिन होता है.
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